Chandrayaan 3 Vikram Lander and Pragyan Rover विक्रम लैंडर रोवर प्रज्ञान चंद्रमा पर क्या करेंगें

Chandrayaan 3 Vikram Lander and Pragyan Rover विक्रम लैंडर रोवर प्रज्ञान चंद्रमा पर क्या करेंगें चंद्रयान-3 की चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग हो गई है । विक्रम लैंडर ने सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करने के अपना काम पूरा कर लिया है । वही Pragyan Rover भी लैंडर से बाहर आ गया है । इसरो के मुताबिक विक्रम और प्रज्ञान में पांच वैज्ञानिक पेलोड लगे हैं । अब Rover Pragyan का काम शुरू होता है । रोवर प्रज्ञान का वजन 26 किलोग्राम है । यह एक रोबोट वाहन है, जो 6 पहियों पर चंद्रमा की सतह पर खोज करेगा । यह एक सेंटीमीटर प्रति सेकंड की गति से चंद्रमा की सतह पर यात्रा करेगा ।

Chandrayaan 3 Vikram Lander and Pragyan Rover

Chandrayaan 3 Pragyan Rover

रोवर प्रज्ञान अगले 14 दिनों तक एक चंद्रमा की सतह का अध्ययन कर पांचो पेलोड अंतरिक्ष एजेंसी को महत्वपूर्ण डाटा उपलब्ध कराएगें । इसरो के मुताबिक रोवर प्रज्ञान का वजन 26 किलोग्राम है । यह एक रोबोट वाहन है । जो चंद्रमा की सतह पर खोज करेगा । यह एक सेंटीमीटर प्रति सेकंड की गति से चंद्रमा की सतह पर यात्रा करेगा । इसके पहियों में अशोक स्तंभ की छाप है, जैसे-जैसे रोवर प्रज्ञान चांद की सतह पर चलेगा वैसे-वैसे अशोक स्तंभ की छाप छपती चली जाएगी ।

रोवर प्रज्ञान रोबोट में भी दो पेलोड लगे हैं । इनमें अल्फा पार्टिकल एक्सरे स्पेक्टरोमीटर और लेजर इंडयूस्ड ब्रेकडून स्पेकटोस्कोप शामिल है ।

अल्फा पार्टिकल एक्सरे स्पेक्टरोमीटर – यह चांद की सतह के पास मिट्टी और चट्टानों की संरचना (एलुमिनियम, सिलिकॉन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, आयरन) के बारे में जानकारी जुटाएगा ।

लेजर इंडयूस्ड ब्रेकडून स्पेकटोस्कोप शामिल – यह चाँद पर तत्वों का विश्लेषण करेगा । साथ ही यह रासायनिक और खनिज संरचना को प्राप्त करने के अलावा उनकी पहचान करेगा ।

Chandrayaan 3 विक्रम लैंडर

विक्रम लैंडर में जो तीन पेलोड लगे हैं । उनमें रेडियो एनटोमी ऑफ मून बाउंड हैपरसेंसीटिव आयनोस्फियर एंड एतमोस्फियर (रंभा), चंद्रा सरफेस थरमोफीजीकल एक्सपेरिमेंट (चेस्ट) और इंटरमेंट फॉर लूनर सेसमिक एक्टिविटी (आईएलएसए) शामिल है । तीनों को अलग-अलग बांटे गए हैं ।

रेडियो एनटोमी ऑफ मून बाउंड हैपरसेंसीटिव आयनोस्फियर एंड एतमोस्फियर (रंभा) – यह लैंगमुइर प्रोब पेलोड है । जो सतह पर मौजूद प्लाज्मा के घनेपन और उसमें बदलाव का पता लगाएगा । सूर्य की किरणों के कारण चांद की मिट्टी जल गई है, इसलिए प्लाज्मा का अध्ययन होगा ।

चंद्रा सरफेस थरमोफीजीकल एक्सपेरिमेंट (चेस्ट) – यह चांद की सतह पर तापमान को मापने का कार्य करेगा ।

इंटरमेंट फॉर लूनर सेसमिक एक्टिविटी (आईएलएसए) – यह लैंडर साइट के आसपास भूकंप की गतिविधि को मापने और चांद की खनिज संरचना को समझने के लिए सतह का चित्रण करेगा ।

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