Rajasthan Tourism Policy राजस्थान पर्यटन नीति इस पोस्ट में राजस्थान की पर्यटन नीति से संबंधित जानकारी दी गई है । आप इस पोस्ट के माध्यम से राजस्थान की पर्यटन नीतियों के बारे में जान सकते हैं । Rajasthan ki Pratham Paryatan Niti, Rajasthan Mein Pratham Paryatan Niti, Rajasthan ki Paryatan Niti 2020, Rajasthan ki Pratham Niti, Rajasthan Tourism Policy 2020 राजस्थान पर्यटन की टैगलाइन – ‘भारत का अतुल्य राज्य’ है । राजस्थान पर्यटन का स्लोगन – ‘पधारो म्हारे देश’ । राजस्थान में 1956 में पर्यटन विभाग की स्थापना की गई । राजस्थान में 1989 में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया ।
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Rajasthan Tourism Policy (पर्यटन नीतियाँ)
राजस्थान सरकार ने वर्ष 2001 में ‘राजीव गांधी पर्यटन विकास मिशन’ प्रारंभ किया । राजीव गांधी पर्यटन विकास मिशन से राज्य में पर्यटन विकास के एक नए युग का प्रारंभ हुआ । राजस्थान द्वारा वर्ष 2001 में ‘राजस्थान पर्यटन नीति’ की घोषणा की गई । राजस्थान इस प्रकार की नीति की घोषणा करने वाला प्रथम राज्य था । यह नीति राज्य में पर्यटन उद्योग में निवेश आकर्षित करने एवं देसी-विदेशी पर्यटकों की आवाजाही बढ़ाने में एक दिशा निर्देशक साबित हुई एवं तत्पश्चात इसने होटल नीति-2006 एवं राजस्थान पर्यटन इकाई नीति-2007 एवं राजस्थान पर्यटन इकाई नीति-2015 (RTUP-2015) बनाने का मार्ग प्रशस्त किया । इन नीतिगत नवाचारों के फलस्वरूप राज्य में देशी-विदेशी पर्यटकों की आवाजाही बढ़ गई है ।
Rajasthan Tourism Policy (पर्यटन विभाग)
राजस्थान में 1956 में पर्यटन विभाग की स्थापना की गई । पर्यटन विभाग के अधीन निम्नलिखित चार संस्थाएं स्थापित की गई ।
- राजस्थान पर्यटन विकास निगम लिमिटेड
- मुख्यालय – जयपुर
- स्थापना – 1 अप्रैल 1979
- पर्यटकों को आवास, यातायात की सुविधा हेतु ।
- राजस्थान राज्य होटल निगम लिमिटेड
- स्थापना – 1965 में
- राज्य राज्य स्तरीय मेला प्राधिकरण
- अध्यक्ष – पर्यटन मंत्री
- इसके द्वारा 42 राज्य स्तरीय मेलों का आयोजन किया जा रहा है ।
- राजस्थान पर्यटन और यात्रा प्रबंधन संस्थान
- स्थापना – 1996
- कार्यालय – उदयपुर
Rajasthan Tourism Policy 2020 उद्देश्य
राजस्थान पर्यटन नीति 2020 जारी होने की तिथि से 5 वर्ष की अवधि अथवा राज्य सरकार द्वारा निर्धारित की गई अवधि अथवा अन्य नीति से प्रस्तावित किए जाने तक, जो भी पहले हो तक प्रभावित रहेगी ।
- वर्तमान पर्यटन उत्पादन को विविधतापूर्ण बनाना ।
- राजस्थान को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार में अग्रणी पर्यटन ब्रांड के रूप में बढ़ावा देना ।
- विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित कम प्रसिद्ध पर्यटन क्षेत्रों पर ध्यान देते हुए नवीन पर्यटन उत्पाद एवं सेवाएं उपलब्ध कराना ।
- पर्यटन स्थलों तक सड़क, रेल व हवाई संपर्क को बेहतर बनाना ।
- पर्यटन आवास सुविधाओं के बुनियादी ढांचे का विस्तार ।
- पर्यटन उत्पादों का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार एवं विपणन करना ।
- पर्यटन संबंधित कौशल विकास को सुगम कर लाभजनक स्वरोजगार को सृजित करना ।
- प्रभावी अन्तर्विभागीय समन्वय को प्रोत्साहित करने हेतु उपयुक्त तंत्र स्थापित करना ।
- राज्य में निजी क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक कदम उठाना ।
- पर्यटकों, विशेषकर महिला पर्यटकों के लिए, एक सुरक्षित एवं निरापद वातावरण उपलब्ध कराना एवं पर्यटक शिकायत निराकरण व्यवस्थाओं को सुधारना ।
- पर्यटन इकाइयों की स्थापना के लिए अनुमति प्रदान करने हेतु पर्यटन विभाग को उपयुक्त प्रशासनिक संरचना से सशक्त करना ।
- बेहतर नीति निर्माण एवं पूर्वानुमान हेतु बाजार अनुसंधान एवं सांख्यिकी ग्रिड डवलपमेंट फ्रेमवर्क को विकसित करना ।
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राजस्थान में प्रथम पर्यटन नीति किस वर्ष घोषित की गई ?
राजस्थान में प्रथम पर्यटन नीति 2001 में घोषित की गई ।
राजस्थान सरकार द्वारा पर्यटन क्षेत्र को उद्योग का दर्जा किस वर्ष दिया गया ?
राजस्थान सरकार द्वारा पर्यटन क्षेत्र को उद्योग का दर्जा वर्ष 1989 में दिया गया ।