Hinglaj Mata Mandir in Rajasthan हिंगलाज माता मंदिर राजस्थान राजस्थान जोधपुर शहर से 20 किलोमीटर दूर सालावास गांव में स्थित हिंगलाज माता मंदिर पाकिस्तान में स्थित हिंगलाज माता मंदिर के बाद यह दूसरा मंदिर जोधपुर में है । Hinglaj ka magra rajasthan, Hinglaj Mata Mandir in Rajasthan मंदिर में माता के प्रतिमा के ऊपर लाखों टन वजनी शीला है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह अधर लटकी हुई है ।
हिंगलाज माता ने दुदो जी के वंशज सेलो जी राजपुरोहित को सामने में आकर बताया कि आप मेरी पीठ के पीछे बसे हुए हो, आप मेरे सम्मुख आकर बसों, जिससे गांव का उद्धार होगा । इसके बाद 1392 ईस्वी में सेलों राजपुरोहित ने भाकरी पर स्थित मंदिर के आगे आकर बस गए, यही राजपुरोहितों का बास सालावास कहलाया ।
Hinglaj Mata Mandir in Rajasthan
माता के मंदिर की प्रतिमा बहुत पुरानी है । यहां पहाड़ के ऊपर शीला अधर में लड़की हुई है । मंदिर जमीन से लगभग 150 फीट ऊपर ऊंचाई पर है । मंदिर में सुबह 6:00 बजे आरती होती है । नवरात्र के समय यहां एक दिन 8 बार आरती होती है । पहले आरती सुबह 6:00 से शुरू होती है, दिन की अंतिम आरती ब्रह्म मुहूर्त में समय 4:00 बजे होती है । नवरात्र में यहां आठ दिन माता के पर्दा रखा जाता है । जबकि अष्टमी को हवन के साथ माता को भोग लगाकर पर्दा हटाया जाता है ।
Hinglaj Mata Mandir in Rajasthan मेला
Hinglaj Mata Mandir in Rajasthan यहां होली के सात दिन बाद शीतला सप्तमी को मेला लगता है । जिसमें आसपास के दस से बारह गांव के हजारों लोग इकट्ठा होते हैं । होली के गीत गाने के साथ एक दूसरे को रंग भी लगते हैं । माता को ठंडे का भोग लगाया जाता है । इसमें सालावास, शिकारपुरा, नंदवाना सहित दर्शन भर गांव के लोग शामिल होते हैं ।
Hinglaj Mata Mandir in Rajasthan कैसे पहुंचे
हिंगलाज माता मंदिर जोधपुर रेलवे स्टेशन से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । यहां तक पहुंचाने के लिए जोधपुर रेलवे स्टेशन से सलावास रेलवे स्टेशन तक आ सकते हैं । रेलवे स्टेशन से 3 किलोमीटर की दूरी पर मंदिर है । जोधपुर में पावटा बस स्टैंड से नगरीय परिवहन सेवा की 6 नंबर बस सलावास गांव तक आती है । यहां पर बस स्टैंड से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर पहाड़ी पर मंदिर स्थित है ।
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